घर में बाथरूम और टॉयलेट कहाँ होना चाहिए :-
बाथरूम और टॉयलेट का किसी भी घर में सही दिशा में होना अति जरुरी हैं | यदि ये किसी भी घर में वास्तु के अनुसार नहीं होते तो वहाँ रहने वाले लोगों की जिंदगी को नरक बना देते हैं | बात बहुत छोटी हैं परन्तु इसका असर बहुत भयानक होता हैं | देखने में आया है की बाथरूम और टॉयलेट सही दिशा में ना होने पर बढे - बढे घरों में लड़ाई - झगड़ा, बीमारियां ,कोर्ट - कचहरी, फालतू की टेंशन, पड़ोसियों से अनबन, परिवार में आपस में एक -दूसरे के खिलाफ साजिस आदि समस्याओं से जूझना पड़ता हैं | हम यहां आपको कुछ आसान से उपाये बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने घर को स्वर्ग बना सकते हैं |
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बाथरूम और टॉयलेट कहाँ बनाये :-
कभी भी बाथरूम और टॉयलेट एक साथ नहीं होने चाहिए | यदि ये दोनों एक साथ हैं तो घर में वास्तु दोष अवश्य होता हैं और पारिवारिक सदस्यों में आपस में ही मनमुटाव रहने लगता हैं | घर में बाथरूम पूर्व दिशा में होना चाहिए | महावास्तु के अनुसार पूर्व -दक्षिण - पूर्व जोन में शौचालय होना लाभकारी बताया गया हैं | इस दिशा का टॉयलेट घर के मुखिया की चिन्ताओ को कम करता हैं | परन्तु घर का दक्षिण - पश्चिम का टॉयलेट सबसे सही माना जाता हैं क्योकि मल त्याग का सबसे उपयुक्त स्थान दक्षिण ही माना गया हैं |
टॉयलेट में सीट ऐसे लगानी चाहिए की बैठने वाले का मुख नॉर्थ - पूर्व में हो | वाशबेसिन ईशान कोण यानि पूर्व दिशा में लगाना चाहिए और दर्पण हमेशा मकान या बाथरूम की उतर या पूर्व दिशा की दीवार में ही लगाना चाहिए | इलेस्ट्रिक उपकरण बाथरूम की साउथ - ईस्ट दिशा में रखना चाहिए |
बाथरूम और टॉयलेट के दरवाजे हमेशा बंद रखने चाहिए नहीं तो नेगेटिव एनर्जी का घर में वास् हो जाता हैं |
उपाय :-
एक अष्ट कोणीय दर्पण साउथ या वेस्ट दिशा में इस प्रकार लगाये कि बाथरूम और टॉयलेट का प्रतिबिम्ब पड़े |
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